कोरबा. छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक युवती अपनी शादी को लेकर चिंतित थी. युवती व उसके परिवार वालों ने कलेक्टर से लेकर पुलिस तक शिकायत की. इसके बाद महिला आयोग की सदस्य को अर्जी पत्र लिखा. इसके बाद महिला आयोग के हस्तक्षेप से युवती की शादी हो सकी. दरअसल समाज के कुछ कथित दबंगों ने युवती की शादी न होने देने की धमकी दी थी. परिवार का पहले से ही सामाजिक बहिष्कार कर गांव से हुक्का-पानी बंद कर दिया गया है. इसके बाद अब शादी में भी दबंग रोड़ा बन रहे थे. महिला आयोग ने तय तारीख पर ही युवती का विवाह करवाया है.
कोरबा के ग्राम रोगदा में समाज के कुछ ठेकेदारों ने युवती के पिता से तालाब और डेढ़ लाख रुपयों की मांग की थी. रुपए नहीं देने की स्थिती में युवती का विवाह रोके जाने की धमकी दी गई थी. युवती सरिता पटेल ने महिला आयोग को अर्जी भरा पत्र लिखा. इसमें सरिता ने बताया कि उसके पिता हेमलाल पटेल पट्टे पर मिली भूमि पर तालाब खुदवाए हैं. आय के साधन के लिए उनका परिवार मछली पालन करता है, लेकिन गांव के कुछ दबंग तालाब को गांव के हवाले करने की घटिया मांग कर रहे थे. पिता ने जब इनकार किया तो छह महीने पहले उनके परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया. तब से अब तक गांव से उनके परिवार का हुक्का पानी बंद है.
शादी में भी रोड़ा
सरिता पटेल की शिकायत के मुताबिक 11 मई को उसकी शादी तय थी. इसकी जानकारी मिलते ही गांव के दबंग उसके पिता के पास पहुंचे और डेढ़ लाख रुपये नगद और तालाब देने की मांग की. पिता ने जब पैसे देने से इनकार किया तो उन्होंने चेतावनी दे दी कि कोई भी शादी में शामिल नहीं होगा और वे हेमलाल की बेटी की शादी भी रुकवा देंगे. इसको लेकर उसके परिवार को धमकियां भी मिलने लगीं. शिकायत मिलने पर कोरबा महिला आयोग की सदस्य अर्चना उपध्याय प्रशासनिक टीम के साथ गांव पहुंची और खुद ही सरिता पटेल का कन्यादान किया और तय तारीख 11 मई को ही उसका विवाह संपन्न कराया. साथ ही मामले में पुलिस जांच करा आरोपियों पर कार्रवाई का भी आश्वासन दिया.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |
FIRST PUBLISHED : May 17, 2022, 12:02 IST