
छत्तीसगढ़ के सूरजपुर के गांव की तस्वीरों मे कुत्ते को दौड़ाता यह मुर्गा कोई आम मुर्गा नहीं है. यह है सुदामानगर गांव के महेश देवांगन का मुर्गा. इस देशी मुर्गे कि कहानी यू हैं कि इस मूर्गे को महेश ने अपने घर एक चुजे के रूप मे लाया था. मूर्गे को बड़ा करके बेचकर पैसा कमाना चाहता था, लेकिन बदलते समय के साथ मूर्गे ने महेश और उसके परिवार से खुद ही नाता जोड़ लिया, जहां यह देशी मूर्गा बड़ा होते होते घर कि रखवाली करने लगा.
