
नक्सलियों ने किया अग्निपथ का विरोध:बोले- सरकारी नौकरियों की है यह ठेका पद्धति, युवाओं के आंदोलन का किया समर्थन
OFFICE DESK JAGDALPUR : बस्तर में अग्निपथ का अब नक्सली भी विरोध करने लगे हैं। अग्निपथ को लेकर पहली बार माओवादियों की तरफ से प्रतिक्रिया आई है।
बड़े कैडर्स के माओवादियों ने अग्निपथ को सरकारी नौकरी की ठेका पद्धति बताया है। साथ ही देश भर में अग्निपथ को लेकर चल रहे युवाओं के आंदोलन का समर्थन किया है।
माओवादियों ने विरोध को तेज करने की बात की है। नक्सलियों के दक्षिण सब जोनल ब्यूरो की प्रवक्ता समता ने प्रेस नोट जारी कर यह बातें कहीं हैं।
समता ने कहा कि, माओवादी पार्टी बस्तर के युवाओं को अग्निपथ का विरोध करने के लिए आगे आने की अपील कर रही है। केंद्र राज्य सरकारें एक ओर जनविरोधी नीतियों पर अमल करते हुए
बेरोजगारी को बढ़ावा देती हैं और दूसरी ओर गरीबी और बेरोजगारी का नाजायज फायदा उठाते हुए युवाओं को पुलिस, अर्धसैनिक और सैन्य बलों में भर्ती करती हैं। केंद्र और राज्य सरकार के तमाम सरकारी विभागों में रिक्त पदों में भर्ती नहीं करवाई जा रही।
जबकि, अस्थाई तौर पर ठेकाप्रथा एवं दैनिक वेतन भोगी पद्धतियों में कुछ एक लोगों को शिक्षाकर्मी, शिक्षादूत, जनभागीदारी शिक्षक एवं कर्मचारियों के तौर पर नियुक्तियां दे रही हैं।
स्थाई नौकरियों की तुलना में एक चौथाई वेतन ही ऐसे कर्मचारियों को दिया जाता है। यह न सिर्फ सरकारी विभागों में बल्कि सार्वजनिक उद्योगों में भी जारी है। इसे अग्निपथ के नाम पर सेना में भी शुरू किया जा रहा है।
समता ने कहा कि, भारतीय सेना में अग्निपथ के दो पहलू हैं। जिनमें सैन्य भर्ती में ठेका पद्धति और सैन्य बलों को संघर्ष इलाकों में तैनात कर माओवाद पार्टी, PLGA, जनताना सरकारों को खत्म करने के लिए उपयोग करना है। इसी के विरोध में माओवादियों ने बस्तर के युवाओं से अग्निपथ का विरोध करने की अपील की है।
