जांजगीर/रायपुर. शुक्रवार, 10 जून को, दोपहर के करीब तीन बजे जांजगीर जिले मालखरौद ब्लॉक के पिहरीद गांव का 10 साल का बालक राहुल साहू खेलते-खेलते अपने ही घर के पीछे स्थित बाड़ी के बोरवेल में गिर कर 60 फीट की गहराई में फंस गया. पहले दो घंटे तक राहुल की पताशाजी की गई. फिर अचानक बाड़ी से आवाज आने पर पता चला कि राहुल बोरवेल में गिर गया. आनन-फानन में परिवार वालों ने पुलिस प्रशासन को सूचना दी. देखते-देखते ही यह खबर राजधानी रायपुर तक पहुंच गई.
राहुल के बोरवेल में गिरने की खबर जैसे ही प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तक पहुंची, वे विचलित हो गए. फिर प्रशासन को तत्काल अलर्ट किया बच्चे को हर हाल में सकुशल बाहर निकालने के निर्देश दिए. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने आला अधिकारियों को निर्देशित करने के बाद खुद ही वीडियो कॉल पर राहुल के परिजनों से बातचीत कर उनका ना केवल हौसला बढ़ाया, बल्कि भरोसा भी दिलाया कि राहुल को सकुशल बाहर निकाल लिया जाएगा. सीएम देर रात तक जागते रहे और पल-पल की जानकारी लेते रहे और ट्वीट कर लोगों को जानकारी देते रहे.
राहुल साहू को बोरवेल से निकलने का काम भारत के इतिहास में सबसे लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन रहा है. 105 घंटे के रिकॉर्ड ऑपरेशन के बाद बच्चे को सकुशल बाहर निकाला गया. ऑपरेशन का परिणाम NDRF, SDRF, जिला-पुलिस प्रशासन और भारतीय सेना का संयुक्त प्रयास रहा.
रेस्क्यू टीम और 3 प्लान
मुख्यमंत्री के निर्देश पर शासन-प्रशासन अलर्ट हो गए. मौके पर एसपी-कलेक्टर, प्रशासनिक अमला सहित SDRF, NDRF की टीम पहुंच गई. रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया. ऑपरेशन के पहले चरण में बोर की मैपिंग कर राहुल के सटीक लोकेशन का पता लगाया गया. 3 प्लान तैयार किए गए; ए, बी और सी. प्लान बी के तहत अंब्रेला पैटर्न से रस्सी के सहारे राहुल को अपर लिफ्ट करने की योजना बनी. प्लान सी के तहत जवान को बोरवेल में उतार कर बच्चे को लिफ्ट करने का विचार था.
रेस्क्यू टीम और 3 प्लान
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FIRST PUBLISHED : June 16, 2022, 18:19 IST