
बिलासपुर. बिलासपुर की एक 70 साल की बुजुर्ग महिला अपने घर को ठीक कराने के लिए दर-दर भटक रही है. न कोई अधिकारी उसकी सुन रहा है और न कोई नेता. थक हारकर विधवा महिला ने 50 रुपये के चावल बेचे और कलेक्ट्रेट पहुंची. यहां वह अपनी सुनवाई होने की आस में घंटों बैठ रही. अधिकारियों ने उसे देखा भी लेकिन, नजरअंदाज कर दिया. अधिकारियों को यह अंदाजा भी नहीं होगा कि कलेक्ट्रेट तक पहुंचने के लिए भी उन्होंने कितना संघर्ष किया होगा. थक-हारकर जब महिला अपने घर जाने लगी तो उसके पास वापस जाने के पैसे भी नहीं थे. ऐसे में पास खड़े युवक ने बुजुर्ग महिला का घर जाने का इंतजाम किया.
कलेक्ट्रेट के पास कोने में बैठी बुजुर्ग महिला पर मीडिया की नजर पड़ गई. मीडियाकर्मी उसके पास गए और यहां आने की वजह पूछी. महिला ने बताया कि वह बिलासपुर जिले के तखतपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम कपसियाकला में रहती है. उनके साथ उनका एक लकवाग्रस्त बेटा और नाती-नातिन रहते हैं. उनका मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है. वे उस जर्जर मकान में रहने को मजबूर हैं. इसलिए वह अधिकारियों से वह मकान दुरुस्त करने की मांग लेकर आई है. बता दें, बुर्जुग माहिला को मोतियाबिंद भी है. वह पीडीएस के चावल से ही अपना और परिवार का जैसे-तैसे भरण-पोषण कर रही है.
महिला ने बताई ये कहानी
महिला ने बताया कि उसके पास यहां आने के पैसे भी नहीं थे. वह पीडीएस के चावल बेचकर कलेक्ट्रेट तक आई है. उसने बताया कि बारिश हो रही है. उसे डर है कि कहीं उसका मकान गिर न जाए और किसी तरह की अनहोनी न हो जाए. इसलिए वह अधिकारियों के लगातार चक्कर काट रही है. उन्होंने बताया कि घर की चिंता में वे कई नेताओं के भी चक्कर काट चुकी हैं. लेकिन, कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही. किसी को इसकी चिंता नहीं है. महिला ने बताया कि उसे आंखों में भी समस्या है और अब तो उसके हाथ पैर भी जवाब दे गए हैं. उन्होंने नेताओं-अफसरों के अलावा भी कई अन्य लोगों से घर को दुरुस्त कराने की गुहार लगाई है, लेकिन किसी ने मदद नहीं की.
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Tags: Bilaspur news, Chhattisgarh news
FIRST PUBLISHED : June 18, 2022, 16:16 IST
