
राष्ट्रवादी न्यूज / अनिकेत शिवहरे / सम्यक नाहटा
रायपुर। जांजगीर के राहुल को बोरवेल से निकालने का रेस्क्यू ऑपरेशन सबसे बड़े रेस्क्यू में से एक है। वहीँ ये छत्तीसगढ़ के इतिहास का भी सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन है। 10 साल के राहुल को 105 घंटे बाद कड़ी मशक्कत से निकालने वाले बहादुर जवानों की सभी टीम को आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सम्मानित किया जिसका आयोजन मुख्यमंत्री आवास में किया गया था। इस टीम में सेना, NDRF, SDRF और जिला प्रशासन ने 5 दिन तक लगातार मेहनत कर बच्चे की जान बचाई।
कार्यक्रम के दौरान कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला ने बताया कि किस तरह राहुल साहू को बचाने के दौरान कई तरह की दिक्कतें सामने आई थी। कलेक्टर ने बताया कि एक ऐसा वाक्या था जिसमे एक्शन, थ्रिल भी था, फिर भी था, सस्पेंस भी था। उन्होंने बताया कि शाम 4 बजकर 50 मिनट एडिशनल एसपी का फोन आया और उन्होंने इसकी जानकारी दी
"चट्टानी चुनौतियां चीरकर
राहुल लाए पाताल जीतकर"
"यह बहुत बड़ी कामयाबी है, आप सबको बहुत-बहुत बधाई…"
– मुख्यमंत्री श्री @bhupeshbaghel"राहुल साहू बचाव अभियान" सम्मान समारोह
छत्तीसगढ़ के पिहरीद गांव में देश का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन कामयाब#saveRAHUL #SaveRahulAbhiyan pic.twitter.com/CBtsS3TZWx
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) June 16, 2022
कलेक्टर ने ये सुनते ही फौरन ADM और SDM समेत तमाम अधिकारियों को फोन कर घटनास्थल पर पहुँचने के लिए कहा। EE PHE ने बताया कि 60 फ़ीट बोर में हार्ड रॉक है, बड़े चट्टान है और आपको बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। इतना सुनते ही मैं सोच नहीं सकता किस तरह के भाव आए। एक तरफ टीम को रिप्लाय भी करना था दूसरी तरफ बच्चे को बचाना भी था। इस तरह किस तरह बच्चे को पूरी टीम ने मिलकर बचाया इसका वाक्या कलेक्टर ने बताया।
मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन टीम के अफसरों को प्रतीक चिन्ह भी भेंट की। साथ ही NDRF, SDRF, सेना समेत सभी टीम का भी सम्मान किया।
