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टीवी मैकेनिक की बेटी बन सकती हैं एयरफोर्स की महिला फाइटर पायलट……

मिर्जापुर। मिर्जापुर के एक टीवी मैकेनिक की बेटी सानिया ने एनडीए की परीक्षा में 149वीं रैंक के साथ फ्लाइंग विंग में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। मिर्जापुर जिले के छोटे से गांव से निकलकर सानिया ने अपने इस बड़े सपने को पूरा किया है।

भारत की प्रथम महिला फाइटर पायलट अवनी चतुर्वेदी, सानिया की प्रेरणा हैं। अब यदि सानिया अपने प्रत्येक टास्क, अभ्यास एवं परीक्षा में सफल रहती हैं तो वह फाइटर पायलट बन सकती हैं।

सानिया ने 10 अप्रैल को एनडीए की परीक्षा दी थी। इसके उपरांत नवंबर में जारी रिजल्ट में उनका चयन हुआ। वह फ्लाइंग विंग में चुनी जाने वाली दो महिलाओं में से एक हैं।

भारतीय वायु सेना के मुताबिक फ्लाइंग ब्रांच में वायु सेना कैडेट के रूप में एनडीए में शामिल होने वाले किसी भी उम्मीदवार को अन्य 2 सेवाओं के अपने सहपाठियों के साथ 3 साल के संयुक्त प्रशिक्षण से गुजरना पड़ता है।

एनडीए का उद्देश्य सेवाओं के बीच संयुक्त कौशल को बढ़ावा देना है, इसलिए प्रशिक्षण सभी के लिए सामान्य है। एनडीए से पास आउट होने के बाद वायुसेना के कैडेट एक साल के लिए एएफए में उड़ान प्रशिक्षण के लिए आगे बढ़ते हैं। इस वर्ष के अंत में एक कैडेट स्ट्रीम (लड़ाकू, परिवहन, हेलीकॉप्टर)तय किया गया है। यह कैडेट की पसंद, योग्यता और योग्यता पर आधारित है।

भारतीय वायु सेना के मुताबिक सानिया को एनडीए में शामिल होने के निर्देश प्राप्त हुए हैं, उसे भारतीय वायुसेना में पायलट के रूप में नियुक्त होने में अब से 4 साल लगेंगे।

इन 4 वर्षों के दौरान उसे फ्लाइंग ब्रांच के लिए नामित प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूरा करना होगा और लड़ाकू पायलट बनने की योग्यता और योग्यता होनी चाहिए। वहीं शुरूआत में सानिया एक इंजीनियर बनना चाहती थी।

बाद उन्होंने देश की प्रथम महिला फाइटर पायलट अवनी चतुर्वेदी के बारे में जाना। सानिया के मुताबिक अवनी चतुर्वेदी उनकी प्रेरणास्त्रोत बन गईं। इसके से ही सानिया ने फिर एनडीए में जाने का मन बना लिया।

सानिया के मुताबिक वह भी मुझे भी ऐसा ही कुछ करना चाहती हैं, जिससे कि वह ज्यादा से ज्यादा लोगों की प्रेरणास्रोत बन सके। सानिया के माता पिता एवं उनको जानने वाले लोग गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।

वहीं उनके परिजनों का कहना है कि सानिया ने न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे गांव का सम्मान बढ़ाया है। मान सम्मान सपना सब कुछ पूरा कर दिया। इससे पहले सानिया ने हाई स्कूल में टॉप किया था, वह अपने जिले की टॉपर थी। परिजनों का भी कहना है कि हाईस्कूल में टॉप किया तो लगा कि बेटी कुछ करना चाहती है।

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