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राजीव भवन में इंदिरा गांधी शहीद दिवस एवं सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती सादगी व गरिमा के साथ मनाई व दी भावभीनी श्रद्धांजलि……

राजीव भवन में इंदिरा गांधी शहीद दिवस एवं सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती सादगी व गरिमा के साथ मनाई व दी भावभीनी श्रद्धांजलि…..

जगदलपुर :- भारत के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले महान नेताओं को शत शत नमन.

इंदिरा, वल्लभ के योगदान व बलिदान को देश और दुनिया कभी भुला नहीं सकती – राजीव शर्मा

बस्तर जिला कांग्रेस कमेटी शहर के द्वारा राजीव भवन में इंदिरा गांधी बलिदान दिवस इंदिरा गांधी बलिदान दिवस और सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती गरिमा और शादी साथ मनाई गई कांग्रेसियों ने छायाचित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

तत्पश्चात अपने उद्बोधन में इंद्रावती विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष/जिला कांग्रेस अध्यक्ष राजीव शर्मा ने देश के दोनों महान नेताओं की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इंदिरा गांधी विश्व की महान महिला नेताओं में से एक थी भारत की प्रथम प्रधानमंत्री तथा पंडित जवाहरलाल नेहरु की सुपुत्री थी

दृढ़ निश्चय, आत्मविश्वास, सहज निर्णय, अनुशासन प्रियता, राजनीतिक कुशलता तथा कुशल नेतृत्व के बल पर वह विश्व के राजनीतिक पटल पर एक सशक्त तथा अविस्मरणीय राजनेता के रूप में सम्मानित हुई थी

21 वर्ष की अवस्था में इंदिरा गांधी कांग्रेस के सदस्य बनी पंडित नेहरू के निधन के बाद वे तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के अनुरोध पर मंत्रिमंडल में सूचना प्रसारण मंत्री बनी लाल बहादुर शास्त्री की आत्मा आकस्मिक निधन के बाद 19 जनवरी 1966 को सर्वसम्मति से इंदिरा गांधी को देश के प्रधानमंत्री चुना गया

उनका व्यक्तित्व के प्रधानमंत्री बनने पर अद्वितीय अभूतपूर्व एवं महान था इंदिरा गांधी ने अपने राजनीतिक जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखे लोकमान्य तिलक ने स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है का नारा दिया था

और महात्मा गांधी ने इस देश को आजादी दिलवाई थी इसके बाद इसी श्रृंखला में 1971 में भारत-पाक युद्ध में शानदार विजय दिलाने तथा विश्व मंच पर भारत की गरिमा को चार चांद लगाने का श्रेय श्रीमती इंदिरा गांधी को जाता है

इंदिरा के व्यक्तित्व में दूरदर्शिता ओजस्विता और साहस का अद्भुत समन्वय मिलता है इंदिरा गांधी अपने पिता से भी अधिक साहसी और सूझ- भुझ की धनि थी

उन्होंने विश्व मंच पर अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य किए थे वह विकासशील देशों की अग्रणी नेता तो थी ही विकसित देश भी इंदिरा गांधी की राय को अत्यंत महत्वपूर्ण मानते थे

वे अपने समय की सर्वोच्च राजनीतिज्ञ थी उन्होंने अपनी बुद्धि कौशल तथा साहस से यह सिद्ध कर दिया था कि नारी भी विश्व की गौरव गरिमा में बहुमुखी तथा चहुमुखी वृद्धि कर सकती है।

शर्मा ने उप प्रधानमंत्री सरदार पटेल की जयंती पर प्रकाश डालते हुए बताया कि वल्लभ भाई झावेर भाई पटेल जो सरदार पटेल के नाम से लोकप्रिय थे वह एक भारतीय राजनीतिक थे

उन्होंने भारत के पहले उप प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया वेद भारतीय अधिवक्ता और राजनेता थे जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और भारतीय गणराज्य के संस्थापक पिता थे

जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए देश के संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभाई और एक एकीकृत स्वतंत्र राष्ट्र में अपने एकीकरण का मार्गदर्शन किया भारत और अन्य जगहों पर उन्हें अक्सर हिंदी उर्दू और फारसी में सरदार कहा जाता था

उन्होंने भारत के राजनीतिक एकीकरण और 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान गृहमंत्री के रूप में कार्य किया देश की स्वतंत्रता के पश्चात सरदार पटेल प्रधानमंत्री के साथ प्रथम गृह सूचना तथा रियासत विभाग के मंत्री भी थे

सरदार पटेल की महानतम देन थी 562 छोटी बड़ी रियासतों का भारतीय संघ में विलीनीकरण करके भारतीय एकता का निर्माण करना विश्व के इतिहास में एक भी ऐसा व्यक्ति ना हुआ

जिसने इतनी बड़ी संख्या में राज्यों का एकीकरण करने का साहस किया हो उनको पूरा देश राष्ट्रीय एकता के जीवन से मनाता है पटेल ने इंग्लैंड से वकालत पड़ी और उसके बाद सन् 1913 में भारत लौट आए जल्दी ही

उन्होंने यहां अपनी वकालत जमाली सरदार महात्मा गांधी के सत्याग्रह से काफी प्रभावित थे सन् 1918 में गुजरात की खेड़ा में सूखे की वजह से किसान कर्ज देने में असमर्थ हो गए थे

ऐसे में उन्होंने करो अपने राहत की मांग की थी जिसे अंग्रेज सरकार ने खारिज कर दिया था ऐसे में महात्मा गांधी के निर्देश पर उन्हें खेड़ा में सत्याग्रह की अगुवाई की पटेल के नेतृत्व में किसानों के प्रदर्शन के आगे सरकार को झुकना पड़ा करों में रियायत देनी पड़ी सरदार की अद्भुत, कूटनीतिक,

कौशल और नीतिगत दृढ़ता की वजह से महात्मा गांधी ने उन्हें लौह पुरुष कहा था लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को भारत का बिस्मार्क भी कहा जाता है बिस्मार्क में जर्मन साम्राज्य की स्थापना में मां की भूमिका निभाई

उन्होंने न केवल देश के एक ही कर्म में अहम योगदान दिया बल्कि अपने सिद्धांतों से भी कभी समझौता नहीं किया वह कल्पना में नहीं यथार्थ में यकीन रखते थे

पटेल में इन्हीं सब गुणों को देखकर उन्हें भारत का बिस्मार्क कहा गया प्रिदर्शनीय इंदिरा गांधी, लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के योगदान व बलिदानों को देश दुनिया कभी भुला नही सकती।

प्रमुख वक्ताओं में वरिष्ठ कांग्रेसी सतपाल शर्मा, जिला महामंत्री अनवर खान, आईटीसेल के प्रदेश महामंत्री योगेश पाणिग्रही आदि ने भी उनकी जीवनी पर प्रकाश बाला और उनके कार्यकाल को अविस्मरणीय बताया जिन्होंने भारत के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाई।

यह रहे मौजूद..

पापिया गाईन, अंजना नाग, जोहन सुता, कौशल नागवंशी, हरीश साहू, एस दंतेश्वर राव, सुरेंद्र झा, प्रवीण जैन,छबीश्याम तिवारी, मोईन अख्तर, अनुप तिवारी, राकेश मोर,नवल नाग,

अजय बिसाई, हेमंत कश्यप, अंकित सिंह,दुशाल काले, रोहित पानीग्राही, विक्रम लहरे,बेनी फर्नांडिस सहित सेवादल,युवक कांग्रेस, महिला कांग्रेस, एनएसयूआई अन्य मोर्चा, प्रकोष्ठ, विभाग के पदाधिकारी व कार्यकर्तागण उपस्थित थे।

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