नेशनल लोक अदालत में 2214 प्रकरणों का किया गया निराकरण
जगदलपुर :- शनिवार 12 नवंबर को आयोजित नेशनल लोक अदालत में अधिवक्ताओं, राजस्व विभाग, नगरपालिक निगम, बैंकों, बीएसएनएल विभाग, विद्युत विभाग, नगरनिगम के सहयोग से बस्तर जिले में कुल 2214 प्रकरणों का निराकरण किया गया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव गीता बृज ने बताया कि नेशनल लोक अदालत में कुल रखे गये कुल लंबित 577 प्रकरणों में से 47 आपराधिक प्रकरण 18 दावा प्रकरण, 05 पारिवारिक प्रकरण 42 धारा 138 नि.ई. एक्ट के प्रकरण,
03 व्यवहार वाद के प्रकरण, 07 श्रम संबंधी प्रकरण, 78 स्पेशल सिटिंग के अन्तर्गत प्रकरण 20 ट्रैफिक चालान के प्रकरण, 01 जनोपयोगी सेवा से संबंधित 221 लंबित प्रकरणों में रूपये 2 करोड़ 09 लाख 39 हजार 410 में राजीनामा के आधार पर किया गया।
इसी प्रकार सभी प्रमुख बैंकों, बीएसएनएल विभाग, विद्युत विभाग, नगरनिगम द्वारा रखे गये कुल 11 हजार 333 प्रकरणों में से बैंकों के 08, विद्युत विभाग के 131 प्रकरण, सम्पत्ति कर के 10 प्रकरण एवं बी०एस०एन०एल० के 06 प्रकरण एवं जलकर के 06 प्रकरण इस प्रकार कुल 161 प्रकरणों में रूपये 9 करोड़ 49 करोड़ 180 में राजीनामा के आधार पर प्री-लिटिगेशन प्रकरणों का अंतिम निराकरण किया गया। राजस्व न्यायालयों में गठित 12 खण्डपीठों में कुल 1832 राजस्व प्रकरणों का निराकरण किया गया ।
नेशनल लोक अदालत में पक्षकारों के मध्य सुलह द्वारा विवादों के समाधान हेतु माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश सहित सभी न्यायाधीशगण की कुल 07 खण्डपीठ एवं परिवार न्यायालय की 01 खण्डपीठ स्थायी लोक अदालत की 01 खण्डपीठ सहित कुल 09 खण्डपीठ तथा बस्तर जिले के समस्त राजस्व न्यायालयों के कुल 12 खण्डपीठों का गठन किया गया था ।
12 नवंबर को तालुका स्तर से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक सभी न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाकर राजीनामा योग्य प्रकरणों में पक्षकारों की आपसी सुलह समझौता से निराकृत किये गये हैं।
लोक अदालत में प्रकरणों के पक्षकारों की भौतिक तथा वर्चुअल दोनों ही माध्यमों से उनकी उपस्थिति में निराकृत किये जाने के अतिरिक्त स्पेशल सिटिंग के माध्यम से भी पेटी ऑफेंस के प्रकरणों को निराकृत किये गये हैं ।
नेशनल लोक अदालत हेतु गठित समस्त 21 खण्डपीठों में प्रकरणों के निराकरण हेतु सुलहकर्ता सदस्यों के रूप में पेनल अधिवक्ताओं की नियुक्ति की गई थी।
नेशनल लोक अदालत हेतु चिकित्सा विभाग के सहयोग से जिला न्यायालय परिसर में स्वास्थ्य परीक्षण शिविर भी लगाया गया था, जिसमें स्वास्थ्य विभाग की ओर से शिरिश पाण्डे ग्रामीण चिकित्सा सहायक,
कु०क्रिस्टीना बघेल स्टाफ नर्स, राजेश तिवारी फार्मासिस्ट, संजय गागड़ा ड्रेसर, मोतीराम वार्ड ब्वाय एवं श्री अजय एक्का वाहन चालक उपस्थित थे उक्त स्वास्थ्य परीक्षण शिविर में 45 नागरिकों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया ।
नेशनल लोक अदालत में कई लोगों को आपसी सुलह समझाईस से राजीनामा किए जाने के कारण उन्हें न्यायालयीन प्रकरणों में राहत मिला,
जिसमें परिवार न्यायालय जगदलपुर के न्यायालय में केशरी पानीग्राही विरूद्ध नीलांबर पानीग्राही के प्रकरण में भरण पोषण भत्ता की राशि को 700 रुपए से बढ़ाकर 4 हजार रुपए किया गया।
इस प्रकरण में आवेदिका और अनावेदक का विवाह अप्रेल 1982 में हुआ था। विवाह पश्चात् अनावेदक द्वारा आवेदिका के भरण-पोषण में उपेक्षा किये जाने पर आवेदिका ने अनावेदक के विरूद्ध वर्ष 2003-2004 में भरण पोषण राशि दिलाये जाने हेतु प्रकरण प्रस्तुत किया था,
जिस पर न्यायालय द्वारा अनावेदक द्वारा आवेदिका को रूपये 700/- प्रतिमाह राशि प्रदान किये जाने का आदेश पारित किया था। आवेदिका ने उक्त आदेश में राशि वृद्धि किये जाने हेतु
परिवार न्यायालय में एम.जे.सी. प्रकरण पंजीबद्ध करवाया था । प्रकरण के लंबित अवस्था में माननीय न्यायालय द्वारा दोनों पक्षों के मध्य सुलह का प्रयास करने पर विवाह का आपसी निपटारा हो जाने से अनावेदक द्वारा आवेदिका को प्रतिमाह रूपये 4000 /- प्रतिमाह प्रदान किये जाने पर अपनी सहमति प्रदान की ।
प्रकरण के लंबनकाल के दौरान न्यायालय के पीठासीन अधिकारी एवं सदस्यगण द्वारा समझाईश दिया गया और दोनों पक्षों के मध्य सुलह का प्रयास करने पर पक्षकारों के मध्य आपसी खुशी से अपना प्रकरण आज नेशनल लोक अदालत में समाप्त कराया गया।