खाद्य अधिकारी एवं सेल्स मेंन की लापरवाही से हितग्राहियों को सही समय पर नही मिल रहा राशन… Server Down के नाम पर किया जा रहा परेशान…
जगदलपुर :- बस्तर क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य होने के कारण क्षेत्रीय नेता एवं संबंधित अधिकारियों के द्वारा सरकार की प्रमुख योजना को अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाने का निरंतर प्रयास किया जाता हैं ।
इसी के तहत केंद्र एवं राज्य सरकार के द्वारा कई वर्षों से चलाये जा रहे खाद्यान्न वितरण योजना जिसमें गरीब, विकलांग, असहाय एवं गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों हर महीना प्रत्येक व्यक्ति को 7 किलो खाद्यान्न वितरण करने की योजना है, जिसमें चाँवल, चना, शक्कर एवं गुड़ का वितरण किया जाता हैं
इसी के तहत बस्तर जिला के खाद्य वितरण में भारी मात्रा में अनियमितता देखी गई हैं, जिसमें बस्तर जिला के सभी शासकीय खाद्यान्न के दुकानों में विगत कई वर्षों से चावल की अफरा-तफरी चल रही है जिसको रोक पाना असंभव सा हो गया है ।
बस्तर जिला के सभी सरकारी दुकानों में राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना अधिनियम के अंतर्गत हर महीना प्रत्येक व्यक्ति 07 किलो खाद्यान्न वितरण करने की योजना बनायी गयी हैं ।
परंतु विगत 2 माह से बस्तर जिला में खाद्य वितरण में भारी धांधली देखी जा रही हैं । जिससे कई हितग्राही इस योजना से वंचित नजर आ रहे हैं । कर्मचारियों के द्वारा राशन कार्ड के हितग्राहियों को Server Down कहकर दूसरे दिन आना कहकर परेशान किया जाता हैं ।
इस योजना का लाभ सभी हितग्राहियों को सही समय पर वितरण करने का दायित्व क्षेत्रीय नेता एवं संबंधित अधिकारी की है किन्तु खाद्य वितरण में भारी अनियमितता देखी जा रही हैं ।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रत्येक सहकारी दुकानों में 10 से 20 क्विंटल अतिरिक्त चाँवल वितरण किया जाता हैं ताकि हितग्राहियों को खाद्य सामग्री सही समय पर मिल सके,
किन्तु खाद्य अधिकारियों एवं सेल्समेन की लापरवाही से खाद्य सामग्री वितरण में लापरवाही बरती जा रही हैं उनके द्वारा चाँवल को कोटा से अलग कर गरीबों के पेट में लात मार रहे हैं जिससे गरीब एवं अशाहय हितग्राही सरकार को दोषी मान रहे जिससे राज्य सरकार की छवि पर प्रभाव पड़ रहा है ।
राज्य सरकार को खाद्य वितरण में होने वाली अनियमितता पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है ताकि दोषियों पर कड़ी कार्यवाही किया जा सके ।