मुख्यमंत्री आदिवासी समाज को बंधुआ समझते हैं, लोकतांत्रिक अधिकार भी छीनना चाहते हैं : केदार कश्यप
जगदलपुर। प्रदेश भाजपा महामंत्री व पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने गुरुवार को बयान जारी कर मुख्यमंत्री भूपेश द्वारा सर्व आदिवासी समाज को सामाजिक कार्य करने की सलाह देने पर कड़ा ऐतराज करते हुए कहा कि भूपेश यह ज्ञान देने वाले कौन होते हैं कि आदिवासी समाज को चुनाव लड़ना है
तो राजनीतिक पार्टी बनाये। वे यह फैसला कैसे सुना सकते हैं कि आदिवासी समाज क्या करे और क्या न करे। प्रदेश भाजपा महामंत्री केदार कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश ने आदिवासी समाज को बंधुआ समझ रखा है।
वे आदिवासी समाज का आरक्षण, शिक्षा और नौकरी तो निगलवा ही चुके हैं और अब आदिवासी समाज का लोकतांत्रिक अधिकार भी छीन लेना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि भूपेश आदिवासी समाज की ताकत से भयभीत होकर समाज को चुनाव लड़ने से रोकना चाहते हैं। आदिवासी किसी के गुलाम नहीं हैं।
इस स्वाभिमानी समाज को भूपेश अपमानित करने की धृष्टता कर रहे हैं। इसकी कीमत उन्हें चुकानी पड़ेगी। जिस समाज ने उन्हें सत्ता सौंपी है,
वह समाज उन्हें सत्ता से उखाड़ कर फेंक देने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि भूपेश ही नहीं, उनकी पूरी मंडली आदिवासी समाज का अपमान कर रही है। भूपेश के मंत्री शिव डहरिया आदिवासी समाज को पंक्चर बनाने की सलाह देते हैं।
आदिवासी समाज की कृपा से अस्तित्व में आई कांग्रेस सरकार आदिवासी अस्तित्व को ललकार रही है, आदिवासी अस्मिता से खिलवाड़ कर रही है। आदिवासी समाज से बैर निकाल रही है। आखिर भूपेश को आदिवासी समाज से इतनी नफरत क्यों है?