कोरबा : लघु धान्य फसलों की खरीद होगी समर्थन मूल्य पर
कोरबा। राज्य शासन के मिलेट मिशन और वर्ष 2022-23 को मिलेट्स पोषण वर्ष घोषित किये जाने के फलस्वरूप कलेक्टर संजीव झा के मार्गदर्शन में जिले में लघु धान्य फसलों का उत्पादन लिया जा रहा है।
जिले में प्रथम बार किसानों द्वारा कोदो एवं रागी फसल का उत्पादन किया जा रहा है । मिलेटस मिशन को बढावा देने हेतु नाबार्ड , बाल्को के एफपीओ तथा अन्य एफ पी ओ की सहायता से जिले में 978 हे. क्षेत्र में कोदो तथा रागी फसलों का उत्पादन किया गया है।
शासन द्वारा कोदो एवं रागी तथा लघु धान्य फसलों की खरीदी के लिये वन विभाग को नियत किया गया है । जिसे जिले के वनोपज समितियों के माध्यम से समर्थन मूल्य पर खरीदी की जाएगी ।
प्रदेश में कोदो के लिये समर्थन मूल्य तीन हजार रुपए प्रति क्वि. एवं रागी हेतु तीन हजार 377 रू. प्रति क्विं. निर्धारित किया गया है ।
जिले के वनोपज समितियों के माध्यम से समर्थन मूल्य पर खरीदी की जाएगी । जिले के कोरबा वनमंडल में 38 तथा कटघोरा वनमंडल अंतर्गत 44 कुल 82 वनोपज समितियों द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदी की जाएगी।
लघु धान्य फसलों की खेती उच्चहन भूमि एवं विषम जलवायु परिस्थितियों में की जाती है । लघु धान्य (न्यूट्रीसीरियल्स ) अत्यधिक पौष्टिक होने के साथ-साथ प्रोटीन , कैल्शियम ,आयरन, जिंक ,
विटामिन्स , फोलिक एसिड जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है । लघु धान्य कोदो कुटकी एवं रागी फसलों की उत्पादकता में वृद्धि कर दैनिक आहार में शामिल कर सुपोषण में वृद्धि की जा सकती है ।
उप संचालक कृषि अनिल शुक्ला ने बताया कि, रागी फसलों की बुवाई हेतु फफूंदनाशक दवा कार्बेन्डाजिम या थायरम दवा का 3 ग्राम मात्रा प्रति किलो बीज के हिसाब से उपचारित करना चाहिये।
उपरोक्त उपचारित बीज को पी.एस.बी. कल्चर तथा एजोटोबैक्टर कल्चर की 5-10 ग्राम मात्रा प्रति किग्रा बीज के हिसाब से उपचारित करना चाहिए।