कोरबा : संविधान दिवस के उपलक्ष्य में इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में आयोजित हुई विविध प्रतियोगिताएं
कोरबा। दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में संविधान दिवस के उपलक्ष्य में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। विभिन्न कक्षा स्तर में संविधान निर्माण विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया।
माध्यमिक स्तर तक के विद्यार्थियों के लिए संविधान निर्माण एवं इसकी आवश्यकता विषय पर निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया तथा प्राथमिक स्तर तक के विद्यार्थियों को विभिन्न रोचक प्रश्नों के माध्यम से संविधान की आवश्यकता एवं महत्व से परिचित कराया गया।
प्रतियोगिता के अंत में सभी विद्यार्थियों और अध्यापकगण ने विद्यालय के प्रांगण में एकत्रित होकर संविधान की शपथ लेकर स्वयं को गौरवान्वित किया।
विद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने विद्यार्थियों को संविधान की प्रस्तावना पढ़कर सुनाई। विद्यार्थी समूह को विद्यालय की सामाजिक विज्ञान की वरिष्ठ अध्यापिका शैलजा राव ने संविधान की शपथ दिलाई।
पूरे कार्यक्रम के सफल आयोजन में खेल प्रशिक्षक असीम खान एवं कु. नाजनीन सिद्धिकी के साथ शैक्षणिक प्रभारी सव्यसाची सरकार एवं सोमा सरकार सहित संगीत शिक्षक राजू कौशिक का विशेष सहयोग रहा।
विद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की आत्मा उसका संविधान होता है। हमें गर्व है कि हमारा संविधान विश्व का सबसे वृहद लिखित संविधान है।
इस गौरवशाली संविधान को निर्माण करने में दो वर्ष, 11 माह और 18 दिन लगे। यह कार्य 26 नवंबर 1949 को पूरा हुआ। 26 जनवरी 1950 को भारत गणराज्य का यह संविधान लागू हुआ।
आपको यह जानकर गर्व महसूस होगा कि संविधान की असली प्रतियां हिंदी और इंगलिश दो भाषाओं में लिखी गई थी। इन्हें आज भी भारत की संसद में हीलियम भरे डिब्बों में सुरक्षित रखा गया है। हमारा संविधान 25 भागों, 470 अनुच्छेदों और 12 सूचियों में बँटा दुनिया का सबसे लिखित संविधान है।
संविधान निर्माण में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का महत्वपूर्ण योगदान रहा। आज का दिन बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर सहित संविधान निर्मात्री सभी के प्रत्येक सदस्यों को नमन करने का दिन है।
भारत की आजादी के बाद कांग्रेस सरकार ने डॉ. भीमराव अंबेडकर को भारत के प्रथम कानून मंत्री के रूप में सेवा करने का निमंत्रण दिया। उन्हें 29 अगस्त को संविधान की प्रारूप समिति का अध्यक्ष बनाया गया। वह भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार थे और उन्हें मजबूत और एकजुट भारत के लिए जाना जाता है।