कोरबा : एडवांस टेक्नालॉजी के कृत्रिम हाथ व पैर लगाने शिविर का शुभांरभ
कोरबा। कोरबा में पहली बार कोरबा विधायक एवं राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के सहयोग से एडवांस टेक्नोलॉजी के कृत्रिम हाथ और पैर लगाने का शिविर प्रियदर्शिनी इंदिरा स्टेडियम में प्रारंभ हुआ।
अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर शिविर का शुभारंभ किया। आयोजकों ने अतिथियों का पुष्पगुच्छ से स्वागत किया। शिविर का आयोजन रोटरी क्लब ऑफ कोरबा, रोटरी क्लब ऑफ बिलासपुर,
अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद छत्तीसगढ़ शासन के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल उपस्थित थे। वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत ने की।
कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने उपस्थित जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुए कहा कि, मानवता की सेवा से बड़ा कोई धर्म नही है।
मानवीय संवेदनाओं को जीने वाले व्यक्ति का ही जीवन सफल होता है। हमारे आसपास रोज ऐसी घटनाएं घटती है, जहां पर हम अपनी संवेदनाओं को प्रदर्शित करते है।
हमारी छोटी सी मदद या पहल से किसी का भला हो, तो हमे ऐसा कार्य करते रहना चाहिए। हमारी संवेदनाओं से ही हमारे धर्म की मूल भावना प्रदर्शित होती है और समाज को एक नई दिशा मिलती है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही सांसद ज्योत्सना महंत ने कहा कि, मानव सेवा से बड़कर दुसरा कोई पुण्य नही होता।
8 तक चलेगा शिविर – पांच दिवसीय इस शिविर में शुभारंभ के प्रथम दिन हितग्राहियों का पंजीयन किया गया और उनके दिव्यांग हाथ एवं पैर का माप लिया गया। 5 दिसंबर से शिविर में उपस्थित हितग्राहियों के कृत्रिम हाथ एवं पैरों का निर्माण एवं प्रत्यारोपण प्रारंभ होगा। यह शिविर 8 दिसंबर तक चलेगा।
हितग्राहियों एवं उनके परिजनों के लिए खास प्रबंध- प्रोग्राम डायरेक्टर संजय बुधिया ने बताया कि, शिविर में हितग्राहियों की संख्या निर्धारित लक्ष्य से अधिक हो गई है,
जो छुट जायेंगे भविष्य में उनका बिलासपुर में प्रत्यारोपण कराया जायेगा। उन्होंने बताया कि हितग्राहियों एवं उनके परिजनों के रहने खाने सहित सभी व्यवस्थाएं निशुल्क की गई है और सभी के लिए खास प्रबंध किया गया है।
दिव्यांगों का जीवन सामान्य बनाना शिविर का लक्ष्य – रोटरी क्लॅब के सचिव नितिन विजय चतुर्वेदी ने बताया कि इस शिविर का मुख्य उद्देश्य दिव्यांगों के जीवन को सामान्य बनाना है,
ताकि वो सामान्य व्यक्ति की तरह काम काज कर अपने परिवार को आसानी से चला सकें। कृत्रिम हाथ लग जाने के बाद दिव्यांग भी हाथ पैर अच्छे से इस्तेमाल कर सकेंगे, जैसे – पेन, ग्लास, कप, चम्मच, ब्रश, कंम्प्युटर, स्टेयरिंग का उपयोग कर सकेंगे।
इसी तरह कृत्रिम पैर लग जाने के बाद दिव्यांग भी सामान्य व्यक्ति की तरह सायकिल चलाना, सीढ़ी चढ़ना, खेल-कूद, दौड़ना आदि आसानी से कर सकेंगे, क्योकिं प्रत्यारोपित पैर घुटने से मुडे़गा। पालथी मोड़कर आसनी से बैठ सकेंगे। प्रत्यारोपण के बाद हितग्राहियों से चेहरो पर खुशी अवश्य ही झलकेगी।
दूसरे प्रांत से भी पहुंचे हितग्राही- कृत्रिम हाथ एवं पैर प्रत्यारोपण निःशुल्क शिविर में कोरबा जिले के विभिन्न स्थानों के अलावा महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पंजाब आदि प्रांत से भी पहुंचे है। निश्चित ही उनके चेहरों पर मुस्कान बिखरेगी और वे कोरबा को याद करेंगे। इस पावन धरा से उनके जीवन में खुशी का नया मोड आयेगा।