रायपुर : गौठानों द्वारा खुद की जमा पूंजी से गोबर खरीदना, गोधन न्याय योजना की सफलता : मुख्यमंत्री
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि गौठानों द्वारा खुद की जमा पूंजी से गोबर खरीदना गोधन न्याय योजना की बड़ी सफलता है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के आधे से अधिक गौठान स्वयं के संसाधनों से गोबर की खरीद रहे हैं।
राज्य शासन को इन गौठानों को गोबर खरीदने के लिए राशि देने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। गोबर विक्रेताओं को आज भुगतान की गई
4.62 करोड़ रुपये की राशि में से 4270 स्वावलंबी गौठानों द्वारा 2.88 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया तथा कृषि विभाग द्वारा 1.74 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।
पिछले पखवाड़े में गोबर खरीदी के लिए प्रदेश के स्वावलंबी गौठनों ने कृषि विभाग की तुलना में अधिक राशि का भुगतान किया है। स्वावलंबी गौठानों द्वारा अब तक अपने संसाधनों से 29.61 करोड़ रुपये की राशि से गोबर की खरीद की गई है।
मुख्यमंत्री गुरुवार को अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को राशि के अंतरण के लिए आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में हितग्राहियों को सात करोड़ 83 लाख रुपये का ऑनलाइन भुगतान किया। इस राशि में 16 नवम्बर से 30 नवम्बर तक गौठानों में गोबर विक्रेता पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय किए गए गोबर के एवज में उनके खाते में चार करोड़ 62 लाख रुपये की राशि ऑनलाइन अंतरित की।
इसी प्रकार गौठान समितियों को एक करोड़ 28 लाख रुपये तथा महिला समूहों के खाते में एक करोड़ 93 लाख रुपये की लाभांश राशि अंतरित की गई।
कार्यक्रम में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ.कमलप्रीत सिंह, गोधन न्याय मिशन के प्रबंध संचालक डॉ. अय्याज तम्बोली, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के मिशन संचालक अवनीश शरण, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त सचिव गौरव कुमार सिंह भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि ’गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ में प्रदेश के युवाओं और महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। गौठानों में विकसित किए जा रहे
रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की गतिविधियों में युवाओं और महिलाओं को जोड़ा जा रहा है। इससे युवाओं और महिलाओं को रोजगार और आमदनी का अच्छा जरिया मिलेगा।
बघेल ने कहा कि गौठानों में किसान स्वयं पैरादान कर रहे हैं। पैरादान के लिए किसानों को और अधिक प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। जब गौठानों में पशुओं के लिए चारा और पानी की व्यवस्था होगी,
तो पशु खेती और सड़कों के बजाय गौठानों में रहेंगे। उन्होंने प्रदेश के अधिक से अधिक गौठानों में पैरा के बंडल बनाने के लिए बेलर मशीन उपलब्ध कराने के प्रयास करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में ऐसे उत्पाद प्राथमिकता के आधार पर तैयार किए जाएं, जिनकी शासन को जरूरत है या जिनके मार्केट में अच्छी मांग है।