धमतरी : हत्या के आरोपित को मिला आजीवन कारावास
धमतरी। बीसीएस पीजी काॅलेज में बुधवार को आभासी न्यायालय का मंचन किया गया। विधि के छात्रों ने यहां एक अपराधिक मामले धारा 302 आईपीसी एवं अन्य, हत्या तथा दीवानी मामले का प्रस्तुतीकरण किया। इस आयोजन से छात्र-छात्रों को न्यायालय की प्रक्रिया को आसानी से समझने में सहायता मिली।
प्रथम मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 तथा 201 एवं आयुक्त अधिनियम की धारा 25 व 27 के अंतर्गत लोक अभियोजक ने मामले की शुरुआत की।
लोक अभियोजक ने सहायक लोक अभियोजकों ने अभियुक्ति को दंडित करने के लिए सबूतों तथा क्रमशः अनेक गवाहों को प्रस्तुत किया। साथ ही अपने तर्कों को बेहतरीन तरीके से प्रस्तुत किया। बचाव पक्ष के अभियुक्तों को दोष मुक्त करने के लिए साक्ष्य एवं सबूत को विधि सम्मत एवं तर्कसंगत तरीके से प्रस्तुत किया
अंत में न्यायालय ने धारा 302 तथा 201 भारतीय दंड संहिता 1860 के एवं आयुक्त अधिनियम की धारा 2527 के अंतर्गत दोषी माना एवं धारा 302 के अंतर्गत आजीवन कारावास धारा 201 के अंतर्गत साक्ष्य विलोपन के लिए तीन वर्ष एवं आयुक्त अधिनियम की धारा 25 व 27 के अंतर्गत एक माह कारावास की सजा सुनाई गई।
इस मामले में न्यायाधीश विधि छात्रा रीना घोघरे, नीलू नरवानी स्टेनोग्राफर, देविका लीडर थे। इस मामले में लोक अभियोजक कुमारी विनीता, साहू लोक अभियोजक साधना ध्रुव का बचाव पक्ष की अधिवक्ता अनिल कुमार साहू, तुकेश्वरी साहू, विनोद साहू तथा प्रियंका यदू थी।
गवाह के रूप में दीपाली सोनी मनीष ध्रुव भोज राम साहू नीतीश ठाकुर, कल्पना शुभम चांवला थे, विवेचना अधिकारी अविनाश चंद्राकर अनु महोबिया, मेडिकल आफिसर नेहा डा एवं गीतांजलि बघेल पटवारी छाया साहू, मोहित आरक्षक भारती निर्मलकर थी।
न्यायालय की जीवंत प्रक्रिया देखने के लिए डाॅ. हेमवती ठाकुर सहायक प्राध्यापक इतिहास, विधि सलाहकार अधिवक्ता शंकर देवांगन, ग्रंथपाल दीपा साहू एवं चंद्र प्रकाश एवं विधि भाग 3 तथा एक के घाट निर्धारित इस कोड में उपस्थित रहे।
महाविद्यालय की प्राचार्य डाॅ. श्रीदेवी चौबे विधि विद्यार्थियों के प्रस्तुतीकरण की सराहना की। विधि विभागाध्यक्ष प्रोफेसर दुर्गेश प्रसाद ने कहा कि विधि विभाग निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है।
सपना ताम्रकार, प्रो पंकज जैन, कमल प्रसाद यादव एवं डाॅ. प्रेमनाथ भारती ने मूटकोट प्रस्तुतीकरण की प्रशंसा की। विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की शुभकामना की।
मालूम हो कि यह आयोजन बीसीएस शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय धमतरी के विधि भाग तीन (सेमेस्टर प्रथम) विषय मुटकोर्ट एक्सरसाइज एंड इंटरशिप के अंतर्गत प्राचार्य डाॅ. श्रीदेवी चौबे के निर्देशन तथा विधि विभाग अध्यक्ष प्रोफ़ेसर दुर्गेश प्रसाद एवं डा सपना ताम्रकार, प्रोफेसर पंकज जैन, प्रोफेसर कोमल प्रसाद यादव व डॉ प्रेमनाथ भारती के मार्गदर्शन में किया गया।
पारिवारिक मामलों के अंतर्गत परिवार में हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13 क अंतर्गत विवाह विच्छेद का प्रकरण प्रस्तुत हुआ। वादी वैवाहिक जीवन से तंग आकर विवाह विच्छेद की मांग की आबादी की अधिवक्ता मोनिका सिन्हा विकास शर्मा एवं अश्विन गोलछा ने अपने पक्ष को मजबूती के साथ रखा एवं क्रमशः गवाहों को पेश किया।
प्रतिवादी की भूमिका में संगीता साहू भी उनके अधिवक्ता प्रेमराज देवांगन गुना विधि दम जो एवं अर्चना कोटवारी ने इन्होंने अपने पत्र को साक्ष्य एवं गवाहों के माध्यम से विधिसम्मत हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 7 का उल्लेख किया। अंत में न्यायालय ने दोनों प्रश्नों को सुनने के उपरांत विवाह विच्छेद की हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13 क के आधार पर पारित किया।