इस संबंध में पुलिस ने थाना आदमपुर में हत्या का मामला दर्ज किया था. नरबलि की घटना मलकपुर गांव की है. महिला आरोपी प्रेमवती का भतीजा प्रतीत होने वाला गांव निवासी रमेश का दो वर्षीय पुत्र यश दोपहर में अचानक घर से गायब हो गया.
बेटे की ख्वाहिश में भतीजे की कुर्बानी
पुलिस ने शक होने पर प्रेमवती को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. उन्होंने ‘नरबलि’ की खूनी कहानी सुनाई. पुलिस, कानून, खून के रिश्ते समेत सब कुछ ताक पर रख देने वाली कहानी.
प्रेमवती ने भतीजे की हत्या की कहानी सुनाते हुए बताया कि वह तीन-चार बार गर्भवती हुई. इसके बाद भी उन्हें अपनी मां का सुख नहीं मिल सका.
तांत्रिक नसीम ने कहा कि अगर किसी बच्चे की “नरबलि” दी जाए तो प्रेमवती का गर्भ भर सकता है. इसलिए प्रेमवती ने दो साल के भतीजे यश का अपहरण कर लिया.
उसके बाद तांत्रिक द्वारा बताए गए बच्चे यश को मारकर प्रेमवती ने इतना ही नहीं उसका खून पी लिया. तांत्रिक के कहने पर महिला ने खून से नहा भी लिया. मानव बलि चढ़ाने के बाद महिला और तांत्रिक ने बच्चे के शव को जंगल में फेंक दिया.
बहरहाल, इंसान आज अपनी खुशी के लिए अपनों का खून पीने से बाज नहीं आ रहा है. क्या यह सही है इतनी कलंकित काली बुराई ‘नरबलि’? भारत में ‘नर बलि’ की इन जघन्य घटनाओं को कब और कौन रोकेगा ?