World Stroke Day : ये पांच योग आसन स्ट्रोक के खतरे को करें दूर, रोज की जीवन शैली में जरूर अपनाएं …
OFFICE DESK :- जीवन में बढ़ रहे तनाव, जीवनशैली और आहार की गड़बड़ी के कारण तमाम तरह की बीमारियों का जोखिम बढ़ता जा रहा है. Stroke की बढ़ती समस्या को इसी का एक कारण माना जाता है.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक Stroke तब होता है जब मस्तिष्क के किसी हिस्से को ऑक्सीजन युक्त रक्त की निरंतर आपूर्ति प्रभावित हो जाती है.
आमतौर पर ऐसी स्थिति मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति करने वाले वाहिकाओं में रुकावट के कारण होती है. Stroke की समस्या कई स्थितियों में जानलेवा भी हो सकती है.
स्ट्रोक के जोखिमों के बारे में लोगों को अलर्ट करने और इससे बचाव को लेकर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल 29 October को वर्ल्ड स्ट्रोक डे मनाया जाता है.
पद्मासन योग
पद्मासन योग को एकाग्रता, मानसिक नियंत्रण और स्थिरता में सुधार लाने वाले अभ्यास के तौर पर किया जाता है. तंत्रिका से संबंधित विकारों को दूर करने और मस्तिष्क में रक्त के संचार को ठीक रखने में इस योग से लाभ पाया जा सकता है.
पद्मासन योग रक्तचाप और तनाव जैसी स्थितियों को कंट्रोल करने वाला अभ्यास है, जिससे Stroke के जोखिमों से भी बचाव किया जा सकता है. पेट संबंधी कई बीमारियों में भी ये योग लाभ कारी है.
ताड़ासन
ताड़ासन या माउंटेन पोज, शरीर की सभी मांसपेशियों को फैलाती है. मस्तिष्क को स्वस्थ बनाए रखने के लिए भी इस योग के नियमित अभ्यास को लाभदायक माना जाता है.
इस योगासन को करने के लिए सबसे पहले एकदम सीधे खड़े हो जाएं, हाथों को एकदम सीधा रखें. गहरी सांस लेते हुए दोनों हाथों को सिर के ऊपर उठाएं और उंगलियों को आपस में जोड़ते हुए स्ट्रेच करें. शरीर का भार पैर की उंगलियों पर रखें. कुछ सेकेंड्स के लिए इस स्थिति में रहें.
उष्ट्रासन योग
यह आसन शरीर में रक्त के संचार को बेहतर बनाने में सहायक है. तंत्रिकाओं को स्वस्थ रखने और मांसपेशियों की कठोरता को कम करते हुए शरीर के लचीलेपन को बढ़ावा देने में भी इस योग के लाभ हो सकते हैं.
यह आसन मिर्गी, तनाव और मस्तिष्क से संबंधित विकारों को कम करने में भी आपके लिए सहायक है. Stroke के खतरे से बचे रहने के लिए नियमित रूप से ये योग करें.
भुजंगासन योग
भुजंगासन या कोबरा पोज उन अभ्यासों में से एक है जो मस्तिष्क के कार्यों को ठीक बनाए रखने में मदद करती हैं. मस्तिष्क की कोशिकाओं को स्वस्थ बनाए रखने और रक्त के संचार को बढ़ाने में इस योगासन को विशेष लाभदायक माना जाता है.
याददाश्त से संबंधित दिक्कतों के लिए भी स्वास्थ्य विशेषज्ञ भुजंगासन के अभ्यास की सलाह देते हैं. यह योगासन तनाव के स्तर को कम करने और रक्तचाप को कंट्रोल करने का भी एक बेहतर अभ्यास हो सकता है.
कपालभाति प्राणायाम
प्राणायाम का अभ्यास करना मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए सबसे आवश्यक माना जाता है. इसमें भी कपालभाति प्राणायाम को विशेष लाभदायक माना जाता है.
Stroke के खतरे से बचे रहने या Stroke के शिकार लोगों के लिए रोजाना यह योगाभ्यास बेहद फायदेमंद हो सकता है. यह मस्तिष्क की कोशिकाओं का स्वस्थ बनाए रखने के साथ रक्त के संचार को बढ़ावा देता है.